Tuesday 11 August 2020

विश्व आदिवासी दिवस / International Tribal Day

विश्व आदिवासी दिवस

 विश्व आदिवासी दिवस है. 9 अगस्त को प्रतिवर्ष विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. इस दिन विश्वभर में आदिवासी समुदाय के लोग, आदिवासी संगठन और संयुक्त राष्ट्र व कई देशों की सरकारी संस्थानों के द्वारा परिचर्चा, नाच-गान और सामूहिक समारोह का आयोजन किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र की 1982 की बैठकी के बाद, 9 अगस्त 1995 को पहली बार विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया गया था. यह दिवस दुनियाभर में आदिवासियों का सबसे बड़ा दिवस है. इसकी महत्वता को जानना हमारे लिए बेहद ज़रूरी 

International Tribal Day: आज है विश्व आदिवासी दिवस, जानिए क्या है ख़ास?

विश्व में कुल 5,000 आदिवासी समुदाय हैं, जिनकी जनसंख्या लगभग 37 करोड़ हैं. उनकी अपनी 7,000 भाषाएं हैं. लेकिन इनके अधिकारों का सबसे ज्यादा हनन होता रहा है. इसी को मद्देनजर रखते हुए विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था, जिसका मूल उद्देश्य है आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा एवं बढ़ावा को सुनिश्चित करना.

International Tribal Day: आदिवासियों की कुछ महत्वपूर्ण बातें…

  • जब 21वीं सदी में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने महसूस किया कि आदिवासी समाज उपेक्षा, बेरोजगारी एवं बंधुआ बाल मजदूरी जैसी समस्याओं से ग्रसित है, तभी इस समस्याओं को सुलझाने, आदिवासियों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए इस कार्यदल का गठन किया गया था. (UNWGIP)
  • आदिवासी शब्द दो शब्दों ‘आदि’ और ‘वासी’ से मिल कर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है.
  • भारत की जनसंख्या का 8.6% यानी कि लगभग (10 करोड़) जितना बड़ा एक हिस्सा आदिवासियों का है.
  • भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ पद का इस्तेमाल किया गया है.
  • भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बोडो, भील, खासी, सहरिया, संथाल, मीणा, उरांव, परधान, बिरहोर, पारधी, आंध,टोकरे कोली, महादेव कोली,मल्हार कोली, टाकणकार आदि शामिल हैं.
  • आदिवासी समाज के लोग अपने धार्मिक स्‍थलों, खेतों, घरों आदि जगहों पर एक विशिष्‍ट प्रकार का झण्‍डा लगाते है, जो अन्‍य धमों के झण्‍डों से अलग होता है.
  • आदिवासी झण्‍डें में सूरज, चांद, तारे इत्‍यादी सभी प्रतीक विद्यमान होते हैं और ये झण्‍डे सभी रंग के हो सकते है। वो किसी रंग विशेष से बंधे हुये नहीं होते.
  • आदिवासी प्रकृति पूजक होते है. वे प्रकृति में पाये जाने वाले सभी जीव, जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते है। और उनका मानना होता है कि प्रकृति की हर एक वस्‍तु में जीवन होता है.

किस किस राज्य में कितने आदिवासी

  • झारखंड 26.2 %
  • पश्चिम बंगाल 5.49 %
  • बिहार 0.99 %
  • सिक्किम 33.08%
  • मेघालय 86.01%
  • त्रिपुरा 31.08 %
  • मिजोरम 94.04 %
  • मनीपुर 35.01 %
  • नगालैंड 86.05 %
  • असम 12.04 %
  • अरूणाचल 68.08 %
  • उत्तर प्रदेश 0.07 %
  • हरियाणा 0.00 %
  • SOURCE:https://groundreport.in/international-tribal-day-2020/

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