सुभाष बोस (Subhash Bose) की आजाद हिंद फौज में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे. अस्थायी सरकार का काम भारत से अंग्रेजों और उनके मित्रों को निष्कासित करना था.
21 अक्टूबर का दिन इसलिए खास है क्योंकि आज ही के दिन 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी थी. इसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड सहित 11 देशों की सरकारों ने मान्यता दी थी. जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिए थे. सुभाष उन द्वीपों में गए और उनका नया नामकरण किया. इस सरकार को आजाद हिन्द सरकार कहा जाता था. इस सरकार के पास अपनी फौज से लेकर बैंक तक की व्यवस्था थी.
सुभाष बोस की आजाद हिंद फौज में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे. इसका विचार आने से लेकर इसके गठन तक कई स्तरों पर कई लोगों के बीच बातचीत हुई. अस्थायी सरकार का काम भारत से अंग्रेजों और उनके मित्रों को निष्कासित करना था. इस सरकार का ये भी काम था कि वो भारतीयों की इच्छा के अनुसार और उनके विश्वास की आजाद हिंद की स्थाई सरकार का निर्माण करे. अस्थायी सरकार में सुभाष चंद्र बोस प्रधानमंत्री बने और साथ में युद्ध और विदेश मंत्री भी. इसके अलावा इस सरकार में तीन और मंत्री थे. साथ ही एक 16 सदस्यीय मंत्रि स्तरीय समिति.
बोस की इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, इटली, मांचुको और आयरलैंड ने तुरंत मान्यता दे दी. जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिए. नेताजी उन द्वीपों में गए. उन्हें नया नाम दिया. अंडमान का नया नाम शहीद द्वीप और निकोबार का नाम स्वराज्य द्वीप रखा गया. 30 दिसंबर 1943 को इन द्वीपों पर आजाद भारत का झंडा भी फहरा दिया गया. इम्फाल और कोहिमा के मोर्चे पर कई बार भारतीय ब्रिटिश सेना को आजाद हिंद फौज ने युद्ध में हराया.
Source:https://www.tv9hindi.com/india/21-october-in-history-subhash-bose-had-formed-government-of-independent-india-as-supreme-commander-of-azad-hind-fauj-880820.
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